फूल अशोक हवन जो करई। ताके गृह सुख-सम्पत्ति भरई।। सिर नवाइ बगलामुखी, लिखूं चालीसा आज।। एहि विधि ध्यान हृदय में राखै। वेद पुराण संत अस भाखै।। सम्पूज्य कवचं नित्यं पूजायाः फलमालभेत्॥ ३२ ॥ इनकी आराधना करने से तमाम बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। बगलामुखी देवी का चालीसा पाठ करने https://www.instagram.com/tantramantraaurvigyaan/reel/DA6ACEaONEJ/
The Greatest Guide To Baglamukhi
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